शाशन से सम्मान प्राप्त करने वाले एक अधिकारी की खबर सामने आयी है जिसे जान कर आप भी सकते में आजायेंगे एक अधिकारी शाशन,प्रशाशन को विश्वाश में लेकर क्या गुल खिला रहा है अगर बारीकी से जाँच हुई तो होंगे कई खुलासे पशु शमशान घाट" की भूमि दे दी लीज पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर "नॉइयत बदलने" की "तैयारी पट्टाधारी के साथ लाखो की डील खनिज अधिकारी भिंड, जे० एस० भिड़े का कारनामा इनके कारनामों से प्रभावित हो "राज्य सरकार" ने इनकी पीठ क्या थपथपा दी इन "महाशय" ने तो लूट की सारी हद ही पार कर दी "जी" ""हाँ"" अभी तक तो श्री भिड़े जिला प्रशाशन को गुमराह कर लाखों की धन उगाही "खनिज माफियाओं" से धन बसूल कर ,कर रहे थे !! मजे की बात तो यह है की शाशन को इस बात की भनक तक नही कि श्री भिड़े की राजश्व अमले को साथ लिये बगैर "अचानक छापामार कार्यवाही के पीछे क्या राज है यह राज वो सभी प्रेस और पुलिस अधिकारी जानते है जिनकों इस गोरखधंदे की हिस्सेदारी मिल जाती है आजकल "कदम"भिड़े" की जोड़ी सैकड़ों खनिज के वाहनों...
📰 देशभर में पुल और सड़कें धंसने की घटनाएं — भ्रष्टाचार बन गया है जनता की जान का दुश्मन। बरसात का मौसम शुरू होते ही देश के अलग-अलग राज्यों से पुल गिरने और सड़कों के धंसने की खबरें आने लगी हैं। गुजरात के वडोदरा, सूरत, और आणंद जिलों में बीते कुछ दिनों में कई पुल अचानक धराशायी हो गए। इनमें से कुछ पुलों का निर्माण हाल ही के वर्षों में हुआ था। वहीं मध्य प्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी और इंदौर जैसे शहरों से सड़कें धंसने और बड़े-बड़े गड्ढों की खतरनाक तस्वीरें सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी इसी तरह की खबरें तेजी से वायरल हो रही हैं। इन घटनाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या ये सिर्फ प्राकृतिक आपदा है? या फिर सरकारी सिस्टम में बैठे भ्रष्ट ठेकेदारों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत का नतीजा? “जनता भाड़ में जाए, बस जेबें भरनी चाहिए” — यही है सच्चाई? आज देश के कई निर्माण कार्य सिर्फ कागज़ों पर ही गुणवत्तापूर्ण होते हैं। असल में, जैसे ही किसी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है, उसी दिन से कमीशनखोरी शुरू हो जाती है। एक ठेकेदार, एक इंजीनियर और एक नेता — तीनों ...