56 इंच के सीने का गुमान पड़ा ठंडा
दुश्मन "गोले"दाग रहे है "सरकार Reliance सिम का एड कर रही है
सैनिकों के सर के बदले सर लाने वाले मोदी कब हुँकार भरेंगे !!
आज इंदिरा जी की याद आ रही है
हमारे भिंड जिले की "देहाती कहावत" है कि ""जो घर में अपनों पर तलवारें खीचते है वो वाहर बिल्ली बन जाते है"" गोधरा जैसे कांड, में अपनों का लहू बहाने बाले देश के दुश्मनों पर हुँकार क्यों नही भर रहे कहाँ गया 56 इंच का सीना ??? मोदी जी आपका 56 इंच का सीन एक गुब्बारा है अरे याद करों उस शेरनी इंदिरा गांधी की जिसकी हुँकार से दुश्मनों के रोंगटे खड़े हो जाते थे
ताकत 56 इंच के सीने में नही वल्कि सच्चाई में होती है आपने हिंदुस्तान की जनता के साथ कुठाराघात किया है आपकी हर गतिविधि एक दिखावा है और तो और आपकी देशभक्ति,तथा मात्र भक्ति भी एक दिखावा है दिखावे में कभी सचाई नही होती इस लिये इण्डिया साइनिंग शेर मोदी से बेहतर इण्डिया की शेरनी इंदिरा थी यह अब आपको भी मानना पड़ेगा मोदी जी अब भी मान जाओं आपकी सरकार जुमलों की सरकार है
मलखानसिंह भदौरिया
भिंड
http://bhindmalkhan.blogspot.com/2016/09/blog-post_25.html
मध्य प्रदेश के चंबल संभाग मैं भिंड जिला स्थित है यह जिला अभी तक डकैतों के नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था वर्तमान में यहां पढ़े-लिखे युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं है वैसे तो चंबल वीरों की भूमि है यहां से हजारों युवा भारतीय सेना में अपने वीरता का करतब कारगिल युद्ध में दिखा चुके हैं। यहां के इतिहास में बड़े-बड़े डकैत हुए हैं खास तौर पर मलखान सिंह रूपा और लखन मान सिंह डकैत का नाम तो चंबल के इतिहास में दर्ज हो गया है यह डकैत जरूर थी पर इन्होंने अपने डकैत जीवन में कई गरीबों की बेटियों के विवाह भी किए और दान पुण्य करना इनका नित्य कर्म होता था साहूकारों से लूटकर गरीबों की सहायता करना मंदिरों के निर्माण कराया जाना भागवत कथा और भंडारा ऐसे कार्य चंबल के डकैतों के द्वारा किए जाने के संबंध में यहां के गलियारों में चर्चाएं आज भी होती हैं। साथियों मां की कोख से कोई भी व्यक्ति डाकू जन्म नहीं लेता परिस्थिति हालात कुछ सीध साधे सज्जन किसानों को डकैत बनने के लिए मजबूर कर देती है ऐसी ही कुछ कहानी चंबल के डकैतों की है इन डकैतों में मानसिंह रूपा लाखन फूलन देवी और पान सिंह तोमर जैसे तमाम लोग ...
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