ध्यानाकर्षण
श्रीमान् कलेक्टर महोदय
भिंड म.प्र.
खनिज विभाग की ओर से सिया डिया की 15 सदस्यी बैठक श्री मान डी.एम. महोदय की निगरानी में कराई जाती है बैठक का मुख्य उद्देश्य यह रहता है कि खनिज पट्टा धारक विना रॉयल्टी रशीद के उत्खनन व परिवहन ना करें ऐसा सुनने में अया है कि विगत तीन माह से सिया डीया की बैठक आहूत नही की गयी है ना ही रॉयल्टी रशीद कट्टे वितरण किये गए खनिज खनिज पट्टा धारक बार बार खनिज अधिकारी श्री भिड़े से निवेदंन करने के उपरांत भी आज दिनांक तक रॉयल्टी रशीद कट्टे इशू नही किये जा रहे इस सम्वन्ध में खनिज विभाग में 8 से 10 फाइलें सियाडीया की बैठक के लिए अटकी हुई है आखिरकार जे एस भिड़े डी एम सहाब की व्यस्तता कारण बता कर कयो तीन माह से बैठक आहूत नही की जा रही डी एम साहब की स्वक्ष छवि को धूमिल करने को आमादा भिड़े का इसके पीछे क्या सोच है खदाने बैगेर रॉयल्टी के चलने से अरबों की राजश्व हानि हो रही है जबकि पूरा जिला इस बात से भलीभाँति परिचित है डी एम महोदय 24 घंटे जिले की समस्याओं को निराकृत करने के लिये तैयार रहते है
मलखानसिंह भदौरिया
भिंड मध्यप्रदेश
http://bhindmalkhan.blogspot.com/2016/09/blog-post_25.html
मध्य प्रदेश के चंबल संभाग मैं भिंड जिला स्थित है यह जिला अभी तक डकैतों के नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था वर्तमान में यहां पढ़े-लिखे युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं है वैसे तो चंबल वीरों की भूमि है यहां से हजारों युवा भारतीय सेना में अपने वीरता का करतब कारगिल युद्ध में दिखा चुके हैं। यहां के इतिहास में बड़े-बड़े डकैत हुए हैं खास तौर पर मलखान सिंह रूपा और लखन मान सिंह डकैत का नाम तो चंबल के इतिहास में दर्ज हो गया है यह डकैत जरूर थी पर इन्होंने अपने डकैत जीवन में कई गरीबों की बेटियों के विवाह भी किए और दान पुण्य करना इनका नित्य कर्म होता था साहूकारों से लूटकर गरीबों की सहायता करना मंदिरों के निर्माण कराया जाना भागवत कथा और भंडारा ऐसे कार्य चंबल के डकैतों के द्वारा किए जाने के संबंध में यहां के गलियारों में चर्चाएं आज भी होती हैं। साथियों मां की कोख से कोई भी व्यक्ति डाकू जन्म नहीं लेता परिस्थिति हालात कुछ सीध साधे सज्जन किसानों को डकैत बनने के लिए मजबूर कर देती है ऐसी ही कुछ कहानी चंबल के डकैतों की है इन डकैतों में मानसिंह रूपा लाखन फूलन देवी और पान सिंह तोमर जैसे तमाम लोग ...
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