डॉ०
आलोक शर्मा
के
लाखों
के
भ्रष्टाचार
पर "
तत्कालीन
मुख्य
चिक्तिसा
अधिकारी
भिंड "
ने
डाला
पर्दा
, सामुदायिक स्वास्थ केंद्र गोहद पर पदस्थ " ब्लॉक मेडीकल आफीसर डॉ. आलोक शर्मा" द्वारा वर्ष अप्रैल 2010 से मार्च 2011 में "चौतीस लाख",सत्तर हजार",एक सौ", पिछहत्तर" रूपये की वित्तीय पदीय दायित्व के निर्वहन में असफल रहते हुए उनके द्वारा म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (3) के उपनियम (1) के खंड (1)(2) एवं (3) एवं भण्डार क्रम नियमों का उलंघन कर उपरोक्त राषि का भ्रस्टाचार किया गया*
*इस सम्वन्ध में वर्ष 2011 में डॉ. आलोक शर्मा ब्लॉक मेडीकल ऑफिसर स्वास्थ केंद्र गोहद "द्वारा एल.टी.टी.(नसवंदी आपरेशन)" 21 भिन्न-भिन्न स्वास्थ सम्वन्धी योजनाओं"/मेला/बैठकों का हवाला देते हुये एवं इसी अवधि के दौरान "स्टेशनरी नियन विरुद्ध तरीके से क्रय की गयी इस तरह कुल "राषि-34,70,175 रु." शाशन को वित्तीय हानि पहुचाने का दोषी माना था !!!*
*सेल "वाला मार्टीन अपर संचालक* *(प्रशाशन)संचनालय स्वास्थ सेवायें मप्र भोपाल" ने *दिनाँक 24/3/14 को अपने पत्र क्र.4/शिका/सेल 2/फाइल क्र 335/भिंड/2014/582 के माध्यम से अग्रिम कार्यवाही हेतु तत्कालीन "मुख्य चिकित्सा अधिकारी भिंड" को प्रभावी आदेश जारी हुआ था उक्त आदेश को तत्कालीन "मुख्य चिकित्सा अधिकारी भिंड ने आरोपी डॉ. आलोक शर्मा" से मिलकर छिपा लिया गया जिस कारण एक बड़े भ्रस्टाचारी के विरुद्ध आज तक कोई कार्यवाही नही हो पायी है !!!*
*वर्तमान "डी०एम० महोदय को उक्त आदेश से दूर रखा गया है !! दोषी पाये जाने के बाबजूद पुनः डॉ.शर्मा वर्तमान ब्लॉक मेडिकल आफीसर के रूप में पदस्थ होकर शाशन के पैसो का आनंद ले रहे है "जबकि डी०एम० महोदय" जिले की सभी स्वास्थ केंद्रों को बेहतर बनाने के प्रयास में है "*
*श्री मान डी०एम०महोदय से उक्त भ्रस्टाचार युक्त तथ्य दूर रखे गये है शाशन से योजनाओं के माध्यम से आया गरीबों के हक़ का पैसा आपस में बन्दर बाँट करके खाया गया उक्त सम्वन्ध में आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गयी !!!!*
*मलखानसिंह भदौरिया भिंड मो● 9826200100 9826207000*☄
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http://bhindmalkhan.blogspot.com/2016/09/blog-post_25.html
मध्य प्रदेश के चंबल संभाग मैं भिंड जिला स्थित है यह जिला अभी तक डकैतों के नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था वर्तमान में यहां पढ़े-लिखे युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं है वैसे तो चंबल वीरों की भूमि है यहां से हजारों युवा भारतीय सेना में अपने वीरता का करतब कारगिल युद्ध में दिखा चुके हैं। यहां के इतिहास में बड़े-बड़े डकैत हुए हैं खास तौर पर मलखान सिंह रूपा और लखन मान सिंह डकैत का नाम तो चंबल के इतिहास में दर्ज हो गया है यह डकैत जरूर थी पर इन्होंने अपने डकैत जीवन में कई गरीबों की बेटियों के विवाह भी किए और दान पुण्य करना इनका नित्य कर्म होता था साहूकारों से लूटकर गरीबों की सहायता करना मंदिरों के निर्माण कराया जाना भागवत कथा और भंडारा ऐसे कार्य चंबल के डकैतों के द्वारा किए जाने के संबंध में यहां के गलियारों में चर्चाएं आज भी होती हैं। साथियों मां की कोख से कोई भी व्यक्ति डाकू जन्म नहीं लेता परिस्थिति हालात कुछ सीध साधे सज्जन किसानों को डकैत बनने के लिए मजबूर कर देती है ऐसी ही कुछ कहानी चंबल के डकैतों की है इन डकैतों में मानसिंह रूपा लाखन फूलन देवी और पान सिंह तोमर जैसे तमाम लोग ...
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