कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे में परिवर्तन की जरुरत है
कांग्रेस मध्यप्रदेश के संगठन की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री व लगातार चार बार निर्वाचित होने वाले विधायको को देना चाइये में

परिवर्तन की जरुरत है
में सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ की कांग्रेस के कितने टिकिट्स श्रीसिंधिया जी के खाते से थे और कितने टिकिट श्रीदिग्विजयसिंह जी के खाते से वितरण हुये है !!! अब ये गणना करो की किसके खाते के टिकिटों पर निर्वाचित होने वाले विधायक विधानसभा अधिक पहुचे है
स्पष्ठ हो जाएगा की पार्टी को कौनसा नेता गर्त में ले जा रहा है जो लोग पंचायत चुनाव में निर्वाचित नही हो सकते उनको विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकिट दे रही है यह क्या है ??? जिन नेताओं को यह नही पता की जिसको वो टिकिट दे रहे है उनका अस्तित्व ना के बराबर है !!! उसके बाद भी अपना बजूद कम ना हो इसलिये लगातार पराजय का सामना करने वाले नेताओं को भी टिकिट दिया जाता है !!!!
इसमें कोई दो राय नही है की कांग्रेस में श्रीदिग्गी राजा खेमे के लोग जमीनी कार्यकर्त्ता है !! उनके कार्यकर्ता फोटो खिंचाने में विश्वास नही रखते !! पर आज के समय में एक खेमा फोटो की फर्जी राजनीती कर रहा है !! वो खेमा पार्टी की नही वल्कि ब्यक्ति के जयकारे लगाता है यह गलत है !! ऐसे लोग राहुल गाँधी जी को जमीनी हकीकत से परिचित नही होने दे रहे !! "स्वर्गीय अर्जुनसिंह" जी के समय और "श्री दिग्गीराजा साहब" के समय ऐसा नही होता था !! उनके समय में उसी कार्यकर्त्ता को तवज्जो दिया जाता था ! जो जनता द्वारा चुनकर आया है ! पर अब एक बंद कमरे में या अपने चहेते लोगों के वीच फोटो खिंचाने की झूटी जनसेवा चल रही है कांग्रेस जमीनी नेताओं को आंगे लाये सबसे पेहले पार्टी संगठन में परिवर्तन लाये और यह संगठन उन विधायकों के देखरेख में खड़ा किया जाये जो 2 से तीन वार लगातार निर्वाचित हुये है !! जो जमीनी हकीकत से परिचित है !! स्वाभाविक है उन विधायक या पूर्व मंत्री जी के कार्यकर्त्ता भी मेहनती होंगे !! इसलिये उनके द्वारा जिम्मेदारी बेहतर निभाई जा सकती है निश्चित तौर पर कांग्रेस के "संगठनात्मक" ढाँचे में परिवर्तन की आवश्यकता है !!
स्पष्ठ हो जाएगा की पार्टी को कौनसा नेता गर्त में ले जा रहा है जो लोग पंचायत चुनाव में निर्वाचित नही हो सकते उनको विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकिट दे रही है यह क्या है ??? जिन नेताओं को यह नही पता की जिसको वो टिकिट दे रहे है उनका अस्तित्व ना के बराबर है !!! उसके बाद भी अपना बजूद कम ना हो इसलिये लगातार पराजय का सामना करने वाले नेताओं को भी टिकिट दिया जाता है !!!!
इसमें कोई दो राय नही है की कांग्रेस में श्रीदिग्गी राजा खेमे के लोग जमीनी कार्यकर्त्ता है !! उनके कार्यकर्ता फोटो खिंचाने में विश्वास नही रखते !! पर आज के समय में एक खेमा फोटो की फर्जी राजनीती कर रहा है !! वो खेमा पार्टी की नही वल्कि ब्यक्ति के जयकारे लगाता है यह गलत है !! ऐसे लोग राहुल गाँधी जी को जमीनी हकीकत से परिचित नही होने दे रहे !! "स्वर्गीय अर्जुनसिंह" जी के समय और "श्री दिग्गीराजा साहब" के समय ऐसा नही होता था !! उनके समय में उसी कार्यकर्त्ता को तवज्जो दिया जाता था ! जो जनता द्वारा चुनकर आया है ! पर अब एक बंद कमरे में या अपने चहेते लोगों के वीच फोटो खिंचाने की झूटी जनसेवा चल रही है कांग्रेस जमीनी नेताओं को आंगे लाये सबसे पेहले पार्टी संगठन में परिवर्तन लाये और यह संगठन उन विधायकों के देखरेख में खड़ा किया जाये जो 2 से तीन वार लगातार निर्वाचित हुये है !! जो जमीनी हकीकत से परिचित है !! स्वाभाविक है उन विधायक या पूर्व मंत्री जी के कार्यकर्त्ता भी मेहनती होंगे !! इसलिये उनके द्वारा जिम्मेदारी बेहतर निभाई जा सकती है निश्चित तौर पर कांग्रेस के "संगठनात्मक" ढाँचे में परिवर्तन की आवश्यकता है !!
मलखानसिंह भदौरिया
भिंड
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