MALKHAN SINGH
साथियों आज करवाचौथ का त्यौहार है सभी को इस त्यौहार पर हार्दिक सुभकामनाएँ सम्पूर्ण भारतवर्ष में हिन्दू महिलायें आज के दिन प्रातः से ही एक दिवस के लिए अन्न जल का त्याग कर अपने पति की लम्बी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करतीं है रात ९ बजे के लगभग चंद्रमा की पूजा के बाद व्रत समाप्त करती है यह परम्परा वर्षों से हमारे देश की हिन्दू महिलाए निभाती आ रही है फर्क सिर्फ इतना है की आज सिर्फ परम्पराएँ निभाई जा रही है पुराने समय की महिलायें पति को परमेश्वर की तरह सम्मान देतीं थी आज के समय में न्यायालयों के डेसवोर्ड पर सबसे अधिक फ़ाइलें दहेज एक्ट की दिखाई देती है महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में प्रतिवर्ष बढोत्तरी हो रही है घरेलू हिंसा दिनप्रतिदिन बडती जा रही है पति के माता पिता वृदाआश्रमों में सूखी रोटी से गुजारा कर रहे है और पति महासय की पूजा हो रही है प्रथा निभाने से सिर्फ मन को शान्ति मिल सकती है पर सच्चाई तो ये है की वर्ष भर में यह पहिला दिन है जिस दिन पत्नी को पतिव्रत धर्म निभाने की याद आती है पति के बूड़े माँ बाप अपने ही घर में परायों की तरह रहते है जिस ब्यक्ति के माता पिता की उसी के घर के पालतू कुत्ते से कम इज्जत हो उसके चेहरे पर आज के दिन पत्नी का प्रेम देखकर कैसे प्रशन्नता आ सकती है पति से प्रेम और पति के माता पिता से बैर रखने से कभी कोई पूजा किसी भी देव की पूजा का फल हासिल नही हो सकता है पति को तभी प्रशन्नता मिल सकती है जब पत्नी की ओर से अपनी सास ससुर को भी उतना ही सम्मान मिले यह हमारे देश की परम्पराएं थी जिनमे से एक करवाचौथ है !!!!
- नमस्कार में मलखानसिंह भदौरिया
साथियों आज करवाचौथ का त्यौहार है सभी को इस त्यौहार पर हार्दिक सुभकामनाएँ सम्पूर्ण भारतवर्ष में हिन्दू महिलायें आज के दिन प्रातः से ही एक दिवस के लिए अन्न जल का त्याग कर अपने पति की लम्बी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करतीं है रात ९ बजे के लगभग चंद्रमा की पूजा के बाद व्रत समाप्त करती है यह परम्परा वर्षों से हमारे देश की हिन्दू महिलाए निभाती आ रही है फर्क सिर्फ इतना है की आज सिर्फ परम्पराएँ निभाई जा रही है पुराने समय की महिलायें पति को परमेश्वर की तरह सम्मान देतीं थी आज के समय में न्यायालयों के डेसवोर्ड पर सबसे अधिक फ़ाइलें दहेज एक्ट की दिखाई देती है महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में प्रतिवर्ष बढोत्तरी हो रही है घरेलू हिंसा दिनप्रतिदिन बडती जा रही है पति के माता पिता वृदाआश्रमों में सूखी रोटी से गुजारा कर रहे है और पति महासय की पूजा हो रही है प्रथा निभाने से सिर्फ मन को शान्ति मिल सकती है पर सच्चाई तो ये है की वर्ष भर में यह पहिला दिन है जिस दिन पत्नी को पतिव्रत धर्म निभाने की याद आती है पति के बूड़े माँ बाप अपने ही घर में परायों की तरह रहते है जिस ब्यक्ति के माता पिता की उसी के घर के पालतू कुत्ते से कम इज्जत हो उसके चेहरे पर आज के दिन पत्नी का प्रेम देखकर कैसे प्रशन्नता आ सकती है पति से प्रेम और पति के माता पिता से बैर रखने से कभी कोई पूजा किसी भी देव की पूजा का फल हासिल नही हो सकता है पति को तभी प्रशन्नता मिल सकती है जब पत्नी की ओर से अपनी सास ससुर को भी उतना ही सम्मान मिले यह हमारे देश की परम्पराएं थी जिनमे से एक करवाचौथ है !!!!
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